समांतर
हॅ हॅ हॅ !!!
Sunday, May 1, 2011
गणपत.......
गणपत वाणी बीडी पिताना ...........
पासून
ऐ गणपत चल दारू ला ..................
पर्यंत
चा प्रवास
एकुणच थोर भयंकर ............
या वर लिहीले पाहिजे , लिहीले पाहिजे ...........
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